चन्द लाइनों में अपनी हकीकत के साथ माँ के बारे पता रहा हूँ ओर में आप लोगों से उम्मीद करता हूँ कि मेरी माँ कई दिनों से बीमार हैं उनकी सहत के लिए दुआ करेंगे —-आसिफ सिद्दीकी —
दुनिया की तरक्की की तरफ भाग रहा था,
मेहनत इतनी के रात दिन जाग रहा था !
फिर भी मन्जिल मुझसे दूर जा रही थी,
एेसा लगता था जैसे कोई कुर्बानी मांग रही थी!
मेरे कुछ समझ मे नहीं आ रहा था,
में हर वक्त हर लम्हा खोया जा रहा था !
फिर एक दिन मेने ठोकर ऐसी खाई,
मेरी माँ बीमार होकर अस्पताल में आई !
उस दिन से मेने अपनी माँ खूब सेवा करी,
फिर दुनिया की हर शैतानियत मुझसे डरी!
उसी दिन से मेरे एक बात समझ में आई,
के जिसने भी माँ की ख़िदमत करी
दुनिया की हर चीज़ उसने पाई
( इसलिए हर रोज़ मदर्स डे मनाएं) मदर्स डे की हार्दिक शुभकामनाएँ = बुन्देलखण्ड कामगार व्यापार मण्डल